Friday, March 9, 2012

राष्ट्रवादी लेखकों के फेस-बुक अकाउंट बंद !

धन्य हैं वे सभी फेसबुकिये, जिनके लेखन से डरकर 'चिम्पांजी सरकार' उनके अकाउंट बंद कर रही है और लानत है उन सब पर जिनके खाते अभी तक चालू हैं। अरे सौभाग्य समझो अपना की चिम्पांजी डरने लगे हैं राष्ट्रवादियों से। लिखो। जम कर लिखो। भ्रष्टाचार के खिलाफ बेख़ौफ़ होकर लिखो। एक अकाउंट क्या , इन भ्रष्टों के खिलाफ तो हम लाखों अकाउंट बनायेगे ये बंद कराते जायेंगे, हम धार बढाते जायेंगे। ये हमें तोड़ने आयेंगे , हम इन्हें छील कर खायेंगे। जो जनता को रौंदेगा, हम उसे कुचलते जायेंगे। --वन्देमातरम।