Sunday, February 5, 2012

मुसलमान डरते क्यों हैं ?

मुसलामानों की बढती आबादी सारे विश्व के लिए खतरा बनी हुयी है , लेकिन ये बेचारे खौफ खा रहे हैं एक अकेली 'दिव्या' से। फेसबुक पर मेरी हर पोस्ट पर ये 'मधुमक्खी' की तरह जमा हो जाते है मुझे हलाल करने के लिए और 'ब्लॉगजगत' में मेरी पोस्ट आने के तुरंत बाद ही डरपोक अनवर जमाल और अयाज़ अहमद मेरी पोस्ट के विरोध में एक पोस्ट लिख कर ड़ाल देते हैं। मेरी ही पोस्टों से इनकी दूकान चल रही है। अरे विपक्ष में बैठे बदमाशों , आईडिया चुराने की रोयल्टी तो दिया करो ...smiles...smiles...smiles........वैसे मुझसे डरा मत करो हे भारत भूमि के 'मुसलामानों' मेरी शरण में जाओ , तुम्हें अभयदान देती हूँ। ----जय हिंद---वन्देमातरम !

15 comments:

सूबेदार said...

अपने बहुत अच्छा कहा है भगवन कृष्ण ने भी कहा की हे बिधर्मियो तुम मेरी शरण आओ मै तुम्हे मुक्त कर दुगा यानि सभी हिन्दू धर्म में सामिल हो जाये यही एक मानवता का रास्ता है विश्व में शांति, सद्भाव यही से मिलेगा.

virendra sharma said...

तू अपनी राह चल ,उन्हें अपनी चलने दे .कर्म बंधन से बंधे सब अपनी राह चलतें हैं .बहरसूरत एक ब्लॉग का दूसरे के बरक्स स्तेमाल मिसायल के बतौर ब्लोगियों का अपना अन्वेषण हैं .

DUSK-DRIZZLE said...

YOU RIGHTLY SAID

Bharat Bhushan said...

शैली, विषय, भाषा भी दिव्या के अनुरूप है :))
ब्लॉगर अन्य से अधिक जानकार होते हैं. उन्हें विचार तत्त्व पर अधिक ध्यान देना चाहिए.

निर्झर'नीर said...

LOL आपकी सोच से ये कभी प्रभावित नहीं होंगे ..इसके लिए बहुत ऊँचा उठना पड़ता है संकुचित विचार ये सब रस्ते बंद कर देते है .धर्म इन्सान को किसी से अलग नहीं करता ..सोच अलग करती है

दिवस said...

दुष्टों की ज़मात डर गयी है। डरना भी चाहिए, क्योंकि अब हमारे बीच झांसी की रानी फिर से आ गयी है। डलहौजी भी उससे कांपता था तो इन जमालों, अयाजों व अन्य मुल्लों की क्या औकात?
जय हो दिव्या श्रीवास्तव (भारत माता)...

Ramakant Singh said...

WE MUST KEEP OUR MIND AND SOUL LIKE HOLY GANGA AND ALWAYS DEVOTE AND DEDICATE OURSELVES TO HUMANITY WITHOUT ANY FEAR AND REGRET.

पी.सी.गोदियाल "परचेत" said...

:) :)

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

क्या वाकई...

ZEAL said...

फेसबुक पर ढेरों मधुमक्खियाँ जमा हो गयीं थी इसी पोस्ट पर। लम्बी बहस चली , फिर डरपोकों ने मेरी पोस्ट ही remove कर दी....दहशत में जी रहे हैं बेचारे। बस एक चुनौती दी थी मैंने की --"वन्दे मातरम्" बोल दो , लेकिन वे नहीं बोल सके। कहते हैं....हमारे धरम में सबसे बड़ा अल्लाह है । ---हमने कहा हम भी आस्तिक हैं, अपने तैतीस करोड़ देवी-देवताओं में आस्था रखते हैं , लेकिन ईश्वर भी मेरे लिए देश के बढ़कर नहीं है । जिस माटी में जन्म लिया यदि उसी की जयकार न कर सके तो व्यर्थ है ये जीवन।

ZEAL said...

भारत माता जब मुस्कुराती हैं तो आँखों में ख़ुशी के आँसू आ जाते हैं । ---जय हिंद--जय भारत-- वन्दे मातरम्

Anonymous said...

anwar jamal mansik rogi hai. Uska ilaj chal raha hai.

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

मुझे तो आज मालुम पड़ा कि मानसिक रोगी है. वाह!!!!!बहुत सुंदर प्रस्तुति ,

NEW POST....
...काव्यान्जलि ...: बोतल का दूध...
...फुहार....: कितने हसीन है आप.....

Taarkeshwar Giri said...

aaji aap lagi rahe. jalne wale to jalte hi rahenge

anil ahirwar said...

pahli baar itni jaankari mili kisi web ke dwara dhanyavad